शिक्षण संस्थानों में बढ़ रहे यौन उत्पीडन के मामलों ने सभी का ध्यान आकर्षित किया है, हाल ही में विशाखापत्तनम के पालिटेक्निक कालेज में 17 वर्षीय छात्रा ने यौन उत्पीडन से तंग आकर खुदकुशी कर ली है।
छात्रा ने दिल को दुखा देने वाला संदेश अपने घरवालों को भेजा और उसमें कहा कि वह अपने अध्यापक‌ के द्वारा सोशल मीडिया पर बदनाम किए जाने की धमकियों से तंग आकर यह क़दम उठा रही है।

घटना की जानकारी

छात्रा ने अपने घर पर भी अपने साथ हो रहे यौन उत्पीडन के संबंध में बात की पर उन बातों का कुछ निष्कर्ष नहीं निकाला जा सका। छात्रा को बदनाम होने का डर सता रहा था और उसे उसकी कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करने की धमकियां भी मिल रही थी। छात्रा ने अपने कालेज में अपने साथ हो रहे यौन उत्पीडन के बारे में शिकायत करनी चाही परंतु उसकी शिकायत नहीं सुनी गई और वह खुद को अनसुना और इस बारे में कुछ कर पाने में सक्षम नही थी।

मदद की गुहार

छात्रा ने अपने अंतिम संदेश में इस बात की शिकायत करते हुए कहा कि उसने अपने कालेज से उसके साथ हो रहे इस अन्याय की शिकाय भी की पर सभी ने उसकी शिकायत को अनसुना कर दिया। छात्रा ने खुदकुशी करने के इस फैसले पर अपने परिवार से माफी मांगी और कहा कि शायद उसके इस क़दम से महिलाओं के साथ हो रहे इस तरह के अपराधों में कोई कमी आए।

जांच के आदेश जारी

इस घटनाक्रम से सभी सकते में आ गए हैं और अधिकारी ने घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। इस बात की जांच होगी कि क्या वाकई में छात्रा के साथ यौन उत्पीडन हो रहा था या उसका यह क़दम उठाने के पीछे कोई और कारण है। शिक्षण संस्थाओं में इस तरह के यौन उत्पीडन के मामले सामने आते रहते हैं जिससे तंग आकर छात्र खुदकुशी करने जैसे क़दम उठा लेते हैं। शिक्षण संस्थान में हो रहे यौन उत्पीडन के मामलों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

 

यौन उत्पीडन के आरोप को कालेज ने सिरे से नकारा

कालेज के प्रिंसिंपल ने इस आरोप को सिरे से नकार दिया है। गौरतलब है कि कालेज प्रशासन खुद पर लगे इस गंभीर आरोप पर किस तरह की प्रतिक्रिया देता है यह बात अभी तक साफ़ नहीं हुई है। गौरतलब है कि शिक्षण संस्थान में हो रहे यौन उत्पीडन के मामले हमेशा से सामने आते रहे हैं, इसके खिलाफ सख्त कानून भी बनाए गए हैं जिससे अपराधी को सख्त से सख्त सज़ा सुनाई जाए फिर भी इस तरह के मामलों में कमी नहीं हो रही है।

अब देखना यह है कि कालेज फिर से सभी का भरोसा जितने में कैसे कामयाब होती है, और किस तरह इस बात का आश्वासन देती है कि इस तरह की भविष्य में इस तरह का गंभीर‌ वाक्य फिर से नहीं होगा।

शिक्षण संस्थानों को इस तरह की शिकायतों पर गौर करना चाहिए ताकि बच्चों में उनके प्रति विश्वास पैदा हो। उन्हें अपने संस्थान में पढ़ने वाले बच्चों का हर तरह की सहायता करनी चाहिए ताकि वे खुदकुशी करने जैसे क़दम न उठाए।

यौन उत्पीडन के मामले हर रोज़ सामने आते रहते हैं, इससे परेशान होकर कई महिलाएं खुदकुशी जैसे गंभीर क़दम उठाने पर मजबूर हो जाती हैं। हमें इस मुद्दे को बेहद गंभीरता से लेते हुए, दोषियों को सख्त से सख्त सज़ा देनी चाहिए ताकि यह उन लोगों के लिए एक उदाहरण साबित हो जो इस तरह की हरकतें करते हैं और यह उन महिलाओं के लिए भी उदाहरण साबित होगा जिससे वे अपने उपर हो रहे इस अन्याय के खिलाफ खुल कर बोल सकेंगी।

 

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