यूपी के मदरसा बोर्ड अधिनियम 2024 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने असंवैधानिक करार दिया है। इस फैसले के पीछे की वजह यह बताई गई है कि यह अधिनियम संविधान का उल्लघंन करता है और इससे मूल्यों का भी उल्लंघन होता है। अंशुमान सिंह राठौर ने एक याचिका दायर की जिस पर यह फैसला लिया गया।
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इलाहाबाद उच्च न्यायालय निर्णय और धर्मनिरपेक्षता की जांच
उच्च न्यायालय ने कहा कि मदरसा बोर्ड अधिनियम उनके नैतिक मूल्यों का उल्लघंन करता है, परिणामस्वरूप उन्हें किसी भी तरह की आर्थिक सहायता प्रदान नहीं की जाएगी जिससे मदरसों में कभी आएगी।
राज्य सरकार की प्रक्रिया
राज्य सरकार ने इस बात की तहककात करने के लिए एक जांच समिति का गठन किया है जो इस बात की जांच करेगी कि मदरसों को सच में विदेशों से आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है या नहीं।
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