पूर्व रक्षा मंत्री और कांग्रेस के अनुभवी नेता ए.के. एंटोनी ने कहा है कि उनके अपने बेटे, अनिल के. एंटोनी, को अगले लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़े। अनिल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए हैं, और केरल के पठानांतित्ता सीट से प्रत्याशी हैं, जिससे राजनीति की वजह से उनके परिवार और उनके आपसी रिश्तों में अनबन होने की संभावनाएं जताई जा रही है।
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ए.के. एंटोनी की कांग्रेस के प्रति वफादारी
83 वर्षीय ए.के. एंटोनी ने कांग्रेस पार्टी के प्रति एक हमेशा वफादार समर्थख रहे हैं। ऐ. के. एंटोनी ने कांग्रेस को अपना धर्म कहा है, और वे हमेशा से इसके कांग्रेस पार्टी के सिद्धांतों पर चले हैं और उनके विश्वासों का हमेशा पालन किया है। एंटोनी की कांग्रेस के प्रति निष्ठा सच्ची है, यहां तक कि उनका अपना बेटा पिछले वर्ष भाजपा में शामिल होने का फ़ैसला किया पर वे कांग्रेस पार्टी के साथ ही बने रहे।
अनिल के. एंटोनी की भारतीय जनता पार्टी में सदस्यता
अनिल के. एंटोनी ने भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद अपने पिता की राजनीतिक स्थिति पर सार्वजानिक रूप से सवाल उठाया है। उन्होंने ए.के. एंटोनी की कांग्रेस के प्रति वफादारी को पुराना और फालतू करार किया है। अनिल के. एंटोनी ने यह भी कहा है कि वे लोग जो गांधी परिवार का समर्थन करते हैं, वे चांद पर भौंकने वाले कुत्ते की तरह है। अनिल ने भारतीय जनता पार्टी का बखान करते हुए अपने समर्थन की बात सामने रखी।
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